Haryana Nikay Chunav: हरियाणा निकाय चुनाव में ईवीएम पर क्यों हटाई वीवीपैट मशीन, चुनाव आयोग ने किया खुलासा
हरियाणा में 2 और 9 मार्च को कुल 33 शहरी निकायों में चुनाव कराए जाएंगे। इनमें 8 नगर निगम, 4 नगर परिषद और 21 नगर समितियों के चुनाव शामिल हैं

Haryana Nikay Chunav: हरियाणा राज्य चुनाव आयोग ने आगामी 2 और 9 मार्च को होने वाले शहरी निकाय चुनावों में वीवीपैट (VVPAT) के बिना मतदान कराने की बात कही है। आयोग का कहना है कि उपलब्धता की समस्या के चलते वीवीपैट युक्त ईवीएम (EVM) से चुनाव कराना संभव नहीं है। वीवीपैट के अभाव में मतदाता यह नहीं देख पाएंगे कि उनका वोट सही उम्मीदवार को पड़ा है या नहीं, जिससे चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
ईवीएम में वीवीपैट से मिलती है सात सेकंड की जानकारी
वीवीपैट युक्त ईवीएम में वोट डालने के बाद स्क्रीन पर सात सेकंड के लिए उस उम्मीदवार की जानकारी दिखाई देती है, जिसे मतदाता ने वोट दिया होता है। इससे वोटिंग की पारदर्शिता सुनिश्चित होती है। हालांकि, राज्य चुनाव आयोग का दावा है कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इन्हें किसी भी हालत में हैक नहीं किया जा सकता।
हाईकोर्ट के वकील ने की वीवीपैट से चुनाव की मांग
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने हरियाणा के राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह को पत्र लिखकर शहरी निकाय चुनाव वीवीपैट के साथ कराने की मांग की थी। इसके जवाब में राज्य चुनाव आयोग ने एक लिखित पत्र में वीवीपैट के उपयोग में असमर्थता जताते हुए इसके ठोस कारण बताए।
वीवीपैट से चुनाव कराने की कांग्रेस की मांग हुई खारिज
हरियाणा कांग्रेस लगातार शहरी निकाय चुनावों को मतपत्र (Ballot Paper) से कराने की मांग कर रही थी, जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया। इससे पहले, जून 2022 में हरियाणा चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया था कि एम-3 मॉडल की ईवीएम उपलब्ध न होने के कारण वीवीपैट का उपयोग संभव नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश और वीवीपैट की अहमियत
अक्टूबर 2013 में, सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में ईवीएम के साथ वीवीपैट का अनिवार्य रूप से उपयोग करने के निर्देश दिए थे। इसका कारण यह था कि कई राजनीतिक दलों ने ईवीएम में धांधली और हैकिंग की आशंका जताई थी। यही कारण है कि देशभर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव वीवीपैट के साथ कराए जाते हैं।
हरियाणा में किन चुनावों में होगा मतदान?
हरियाणा में 2 और 9 मार्च को कुल 33 शहरी निकायों में चुनाव कराए जाएंगे। इनमें 8 नगर निगम, 4 नगर परिषद और 21 नगर समितियों के चुनाव शामिल हैं। साथ ही, दो नगर निगमों के मेयर पद और एक नगर परिषद तथा दो नगर समितियों के अध्यक्ष पद के लिए भी उपचुनाव होंगे।
राज्य चुनाव आयोग ने दी अपनी सफाई
राज्य चुनाव आयोग ने 15 जून 2022 को जारी अपने पत्र में बताया कि जून 2020 में हरियाणा में नगर निकाय और पंचायत चुनावों के लिए चुनाव आयोग से 45,000 एम-3 मॉडल ईवीएम की मांग की गई थी। लेकिन, केंद्रीय चुनाव आयोग ने जवाब दिया कि वह केवल पुराने एम-2 मॉडल की ईवीएम ही राज्य को उधार पर दे सकता है। आयोग के अनुसार, उनकी नीति के तहत एम-3 मॉडल की ईवीएम राज्य चुनाव आयोगों को उपलब्ध नहीं कराई जा सकतीं।
क्या चुनाव आयोग खुद नई मशीनें खरीद सकता है?
संविधान के अनुच्छेद 243 (K) और (ZA) के तहत, हरियाणा राज्य चुनाव आयोग को अपने स्तर पर नगर निकाय और पंचायत चुनाव कराने के लिए आवश्यक अधिकार प्राप्त हैं। ऐसे में वह केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत एजेंसियों से एम-3 मॉडल की ईवीएम और वीवीपैट मशीनें खरीद सकता है। लेकिन, चुनाव आयोग ने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। जब तक आयोग द्वारा एम-3 मॉडल की ईवीएम नहीं खरीदी जाती, तब तक शहरी निकाय और पंचायत चुनाव बिना वीवीपैट के ही कराए जाएंगे।